थायरॉयड हमारे गले के ठीक सामने एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है, ये ग्रंथि क्यों होती है या यूं कहे की थायरॉयड की समस्या गर्भावथा के दौरान महिलाओं को क्यों होती है, और साथ ही थायरॉयड के कारण बच्चों पर किस तरह का असर पड़ता है इसके बारे में भी बात करेंगे, इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े ;
थायरॉयड की समस्या क्या है ?
- थायराइड रोग एक सामान्य शब्द है जो आपके थायराइड को सही मात्रा में हार्मोन बनाने से रोकता है। आमतौर पर थायरॉयड हार्मोन बनाता है जिससे आपका शरीर सामान्य रूप से कार्य करता रहता है। वही थायराइड रोग की बात करें तो ये दो तरह के हो सकते हैं एक हाइपरथायरायडिज्म और दूसरा हाइपोथायरायडिज्म।
- वही जब थायराइड बहुत अधिक थायराइड हार्मोन बनाता है तो उसे हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। इस स्थिति में आपका शरीर बहुत जल्दी ऊर्जा का उपयोग करता है। ऊर्जा का बहुत तेज़ी से उपयोग आपको काफी थका देता है और साथ ही यह आपके दिल की धड़कन को तेज़ कर सकता है।
- दूसरा पहलू थायराइड रोग का है कि आपका थायरॉइड बहुत कम थायराइड हार्मोन बनाता है। जिसे हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) कहा जाता है। जब आपके शरीर में थायरॉइड हार्मोन की मात्रा कम होती है, तो यह आपको थका सकता है।
गर्भावस्था के दौरान हाइपरथायरॉयडिज्म के कारण ?
- गर्भावस्था में आमतौर पर यह बीमारी ग्रेव्स रोग की वजह से होती है। ग्रेव्स की बीमारी में आमतौर पर आप थकान को काफी महसूस किया जाता हैं और आपकी आंखें भी बाहर की तरफ आ जाती है।
गर्भावस्था के दौरान थायरॉयड रोग की समस्या के कारण ?
- एंडेमिक गोइटर और फूड्स में आयोडीन की कमी होने की वजह से। प्रेगनेंसी के दौरान 100 में से दो से तीन महिलाओं को हाशिमोटो नामक ऑटोइम्यून बीमारी होने का खतरा होता है। जिसकी वजह से महिला की इम्यून सिस्टम एंटीबॉडी का उत्पादन करती है जो थायराइड ग्लैंड को प्रभावित करता है।
- अगर आपने आईवीएफ के जरिये अपना ट्रीटमेंट करवाया है और इस ट्रीटमेंट के बाद आपमें थायरॉयड की समस्या उत्पन्न हो गई है तो इसके लिए आपको पंजाब में आईवीएफ सेंटर पर दोबारा जाना चाहिए।
थायरॉयड के दौरान बच्चे पर क्या असर होता है ?
- समय से पहले शिशु का जन्म।
- जन्म के दौरान शिशु के वजन का घटना।
- गर्भधारण के आखिरी चरण में मां के रक्तचाप का तेजी से बढ़ना।
- दिल का काम करना बंद करना।
- बच्चे के सिर का नरम होना आदि।
अगर आपने पंजाब में आईवीएफ उपचार के जरिये संतान प्राप्त किया है और इसके बाद आपके बच्चे में उपरोक्त परेशानी आ रही है तो इसके लिए बेहतरीन आईवीएफ डॉक्टर का चयन करें।
गर्भावस्था में थायरॉयड का इलाज क्या है ?
- अगर थायरॉयड की समस्या होने पर आपकी स्थिति काफी गंभीर है तो डॉक्टर आपको एंटीथायरॉयड दवा देंगे। वही इन दवाओं की वजह से आपकी थायरॉयड ग्रंथि कम थायरॉयड हार्मोन का निर्माण अधिक होता है।
- हाइपोथायरॉयडिज्म अवस्था में हार्मोन की मात्रा को बढ़ाने की कोशिश की जाती है। इसके लिए महिला को कुछ दवाई दी जाती है। जो टी3 की तरह होती है।
इसके अलावा अगर गर्भावस्था के दौरान आपको भी थायरॉयड की समस्या हो गई है तो इससे बचाव के लिए आपको जेम हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।
निष्कर्ष :
गर्भावस्था के दौरान थायरॉयड या किसी भी तरह की समस्या का सामना अगर आप कर रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको समय रहते किसी बेहतरीन डॉक्टर का चयन कर लेना चाहिए।