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      गर्भवती महिलाएं जानें क्यों जरूरी है तीसरे महीने का अल्ट्रासाउंड स्कैन ?

      गर्भवती महिलाएं जानें क्यों जरूरी है तीसरे महीने का अल्ट्रासाउंड स्कैन ?

      तीसरे महीने का अल्ट्रासाउंड कैसे मददगार है गर्भवती महिला के लिए ?

        Quick Inquiry

        गर्भवती महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन बहुत उपयोगी और बहुमूल्य माना जाता है । इसके अलावा ये स्कैन महिलाओं को तीसरे महीने करवाने की सलाह डॉक्टर के द्वारा क्यों दी जाती है और इस स्कैन से क्या पता चलता है इसके बारे में आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे, तो अगर आप भी गर्भवती अवस्था के तीसरे महीने में चल रही है तो ये आर्टिकल आपके लिए काफी बहुमूल्य साबित होगा ;

        क्या है अल्ट्रासाउंड स्कैन ?

        • अल्ट्रासाउंड स्कैन की बात करे तो इसमें ध्वनि तरंगों को गर्भाशय तक भेजा जाता है। वही आप इन उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को सुन नहीं सकतीं, मगर ये शिशु को छू कर प्रतिध्वनि के तौर पर वापिस आती है।
        • कम्प्यूटर इन तरंगों को विडियो तस्वीरों के रूप में परिवर्तित कर देता है, जिनसे शिशु के आकार, स्थिति और हलचल का पता चलता है।
        • वही अल्ट्रासाउंड की बात करें तो इसमें आप 3D और 4D रंगीन अल्ट्रासाउंड भी करवा सकते है। वही इस तरह के अल्ट्रासाउंड में आप शिशु की काफी अच्छी तस्वीरें प्राप्त कर सकती है।

        यदि आप आईवीएफ के जरिये गर्भवती हुई है तो ऐसे में आप अल्ट्रासाउंड को पंजाब में आईवीएफ सेंटर से भी करवा सकते है।

        तीसरे महीने के अल्ट्रासाउंड स्कैन से क्या-क्या पता चलता है ? 

        • गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने की सबसे आम वजह यह होती है कि शिशु सामान्य ढंग से बढ़ रहा है या नहीं। 
        • तीसरी तिमाही में गर्भस्थ शिशु का चेहरा दिखाई देता है। 
        • शिशु की सेहत, जैसे- सांस लेने की हरकतों का दिखाई देना। 
        • शरीर की हलचल का दिखना। 
        • बॉडी टोन, यानि कि हाथों को खोलना व बंद करना, बाजुओं और टांगों को फैलाना और खिंचाव करना। 
        • एमनियोटिक द्रव की मात्रा। 
        • नॉन स्ट्रेस टेस्ट एनएसटी ताकि हलचल होने पर शिशु की हृदय गति में होने वाले बदलावों को देखा जा सके। 

        डॉक्टरों के द्वारा अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने की सलाह कब दी जाती है ?

        • प्रारंभिक गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दो बार दी जाती है, पहली बार जब आपका गर्भ महसूस होता है यानी 6 से 8 हफ्तों में और दूसरी बार जब बच्चे के विकास के लिए अधिक जानकारी की जरूरत होती है यानी 18 से 20 हफ्तों में।

        यदि आप माँ बनने में असमर्थ है तो इसके लिए आप पंजाब में आईवीएफ उपचार के जरिये माँ बन सकती है और माँ बनने के बाद आपको भी इसी तरह के अल्ट्रासाउंड स्कैन की प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ सकता है।

        तीसरे महीने के स्कैन में क्या पता नहीं चलता ?

        • आपकी ड्यू डेट सही है या नहीं इस बारे में पता नहीं लगाया जा सकता है। 
        • रक्तस्त्राव का स्त्रोत क्या है अंदर, इसको भी नहीं जान सकते। 
        • आपके शिशु का सही वजन का अंदाजा लगाना मुश्किल हो सकता है, क्युकि शिशु जितना बड़ा होता जाता है और प्रसव का समय जितना नजदीक आता जाता है, उतना ही उसके वजन को मापना मुश्किल हो जाता है।

        तीसरे महीने के स्कैन के लिए बेस्ट हॉस्पिटल व सेंटर !

        अगर आप आईवीएफ उपचार के बाद अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाना चाहते है तो इसके लिए आप जेम हॉस्पिटल एन्ड आईवीएफ सेंटर का चयन कर सकते है। वही इस हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड उच्चतम तरीके से किया जाता है। 

        निष्कर्ष :

        जैसा की आपने उपरोक्त जान ही लिया है की क्यों गर्भवती महिलाओं को तीसरे महीने अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दी जाती है। तो अगर आप भी तीसरे महीने में है और अल्ट्रासाउंड करवाना चाहती है तो किसी बेस्ट सेंटर का चयन करें।

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