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      गर्भावस्था के दौरान तंदरुस्त बच्चे की सेहत के लिए महिलाओं को किस तरह के फलों का सेवन करना चाहिए !

      गर्भावस्था के दौरान तंदरुस्त बच्चे की सेहत के लिए महिलाओं को किस तरह के फलों का सेवन करना चाहिए !

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        गर्भावस्था एक ऐसा दौर है, महिलाओं की ज़िन्दगी में जिसमे उन्हें अपनी सेहत का खास ध्यान रखना होता है, क्युकी इस दौरान एक नहीं बल्कि दो ज़िन्दगियों का पालन पोषण होता है। इसके अलावा गर्भावस्था को लेकर बहुत सी महिलाओं के सवाल होते है की इस अवस्था में उन्हें किस तरह के फलों का सेवन करना चाहिए और इस दौरान वो अपनी सेहत का ध्यान कैसे रख सकती है, तो आप भी जानना चाहते है गर्भावस्था से जुड़े स्वास्थ्य सेहत का राज तो लेख के साथ अंत तक बने रहें ;

        गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

        • गर्भवती महिला को हमेशा अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए और ऐसी अवस्था में उन्हें जितना हो सकें एक्टिव होना चाहिए। 
        • इस अवस्था में महिलाओं को व्यायाम और योग का सहारा लेना चाहिए। 
        • इस अवस्था में महिलाओं को ज्यादा आराम का भी सहारा नहीं लेना चाहिए। और न ही ज्यादा काम करना चाहिए।
        • खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए। 
        • इस अवस्था में महिलाओं को जितना हो सके खुश रहना चाहिए। 
        • चिंता चिता के सामान है, इसलिए जितना हो सकें इससे दुरी बनाकर रखना चाहिए। 

        अगर आप भी गर्भावस्था के पड़ावों से होकर गुजरना चाहती है, लेकिन आप माँ बनने में असमर्थ है तो इसके लिए आपको पंजाब में आईवीएफ सेंटर का चयन करना चाहिए।

        गर्भावस्था के दौरान किन फलों का सेवन करना चाहिए ?

        1. “संतरा” महिला को हाइड्रेटेड रहने में मदद करता है और फोलेट का एक बड़ा स्रोत भी है। फोलेट बच्चे में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के दोषों को रोकने में मदद करता है, जिसे तंत्रिका ट्यूब दोष भी कहा जाता है। संतरा भी विटामिन-सी का एक बड़ा स्रोत है, इसमें एंटीऑक्सिडेंट के गुण भी पाए जाते है, जो कोशिका क्षति को रोकने में मदद करते है। और विटामिन-सी शरीर को अधिकतम लोहे को अवशोषित करने में मदद करता है।
        2. “आम” भी विटामिन-सी का एक और समृद्ध स्रोत है। एक आम में सभी डेली रेकमेंडेड अलोवेन्स 100% पाए जाते है। आम में विटामिन-ए भी अधिक मात्रा में होता है, जिसकी कमी से बच्चे का जन्म के समय कमजोर प्रतिरक्षा और अतिसार और श्वसन संक्रमण जैसी जटिलताओं के उच्च जोखिम से जुड़ा होता है। शायद ही कभी विटामिन-ए की अधिकता संभव है। गर्भावस्था के आहार में आम एक बेहतरीन अतिरिक्त है। लेकिन, पोषण संतुलन बनाए रखने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार के फलों के साथ मध्यम मात्रा में खाना चाहिए। अधिक मात्रा में आम का सेवन भी दूसरी जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसलिए इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए।  
        3. “एवोकाडो” जो मीठा तो नहीं लेकिन स्वादिष्ट अवश्य होता है। अन्य फलों की तुलना में एवोकाडो में फोलेट अधिक मात्रा में होता है। और फोलेट में निम्न तरह के स्त्रोत पाए जाते है :-

        फाइबर (Fiber), कोलीन (Choline), पोटैशियम (Potassium), विटामिन-सी (Vitamin C), विटामिन-बी (Vitamin B), विटामिन-के (Vitamin K), मैनिशियम (Magnesium)।

        एवोकाडो में आयरन भी काफी अधिक मात्रा में मौजूद होता है। कुछ महिलाओं का मानना है कि एवोकाडो मितली से राहत देने में भी मदद करता है, क्योंकि इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाए जाते है। पोटेशियम पैर की ऐंठन से राहत पाने में मदद कर सकता है, जो कि गर्भावस्था के समय होने वाली एक आम समस्या है। अक्सर शरीर में पोटेशियम और मैग्नीशियम कि कमी होने के कारण पैर में ऐंठन होती है। कोलिन बच्चे के मस्तिष्क और तंत्रिका विकास के लिए एक और महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। कोलिन की कमी संभवतः जीवनकाल स्मृति हानि और तंत्रिका ट्यूब दोष का कारण बन सकती है।  

        1. कई गर्भवती महिलाओं का कहना है कि “नींबू” को चूसने, नींबू पानी या नींबू का रस पीने से उन्हें गर्भावस्था में मितली से राहत मिलती है। नींबू विटामिन-सी में उच्च होता है और कब्ज से राहत देते हुए पाचन तंत्र को उत्तेजित करने में मदद करता है। नींबू संभवतः दांतों के तामचीनी को मिटा सकता है, इसलिए उसे खाने के बाद अपने मुंह को अच्छी तरह से धोना एवं कुल्ला करना चाहिए। 
        2. “केला” गर्भावस्था के दौरान खाने वाले स्वस्थ और फायदेमंद फलों में से एक है। यह पोटेशियम, विटामिन बी-6, विटामिन सी और फाइबर का बड़ा स्रोत है। गर्भावस्था के दौरान कई कारणों से कब्ज हो सकता है। 

        तनाव और चिंता। 

        कम फाइबरयुक्त चीजों का सेवन। 

        प्रसवपूर्व विटामिन में आयरन। 

        आंतों पर गर्भाशय का दबाव पड़ना। 

        केले में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। इसे अपनी डाइट में शामिल करने से गर्भावस्था में कब्ज को होने से रोका जा सकता है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि विटामिन बी-6 गर्भावस्था में मितली और उल्टी को दूर करने में भी मदद कर सकता है।  

        1. “जामुन” कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, फाइबर और फोलेट से भरपूर होता है। इसमें फ्लेवोनोइड्स और एंथोसायनिन जैसे फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी होते है। वहीं जब तक एक गर्भवती महिला को गर्भकालीन मधुमेह नहीं होता है, कार्बोहाइड्रेट का प्रत्येक दिन 50%-60% गर्भावस्था कैलोरी होता है। कार्बोहाइड्रेट प्लासेंटा (Placenta) से बहुत आसानी से गुजरकर गर्भ में विकास कर रहे भ्रूण को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए पोषक तत्वों से भरपूर कार्बोहाइड्रेट जैसे कि जामुन का सेवन करना चाहिए। प्रोसेस्ड और सरल कार्बोहाइड्रेट जैसे डोनट्स, केक और कुकीज आदि का गर्भावस्था में सेवन करना महिला के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। 
        2. “सेब” फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी और पोटेशियम का एक समृद्ध स्रोत है। गर्भावस्था में सेब खाने से शिशु को ढेरों लाभ मिल सकते है। कुछ सूत्रों के अध्ययन से ये बात सामने आई है कि गर्भावस्था में सेब खाने वाली महिलाओं के बच्चों में बचपन की एलर्जी और दमा होने की संभावना कम होती है। 
        3. “खुबानी” में फोलिक एसिड, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम के साथ अन्य विटामिन और खनिज भी उच्च मात्रा में होते है. सूखे खुबानी में आयरन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के संश्लेषण को बढ़ाने में मदद करती है। खुबानी पाचन प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है, इसलिए इसे गर्भावस्था के दौरान खाया जाने वाला अच्छा फल माना जाता है। 
        4. गर्भवती महिलाओं को “कीवी फल” का सेवन करना चाहिए क्युकि इसमें विटामिन सी, ई, ए, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, फोलिक एसिड और आहार फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते है।  

        उपरोक्त फलों को कैसे और किस तरह से खाना है, इसके बारे में जानने के लिए आपको गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

        गर्भावस्था में किन फलों से दुरी बनाकर रखना चाहिए ?

        • खजूर।  
        • पपीता। 
        • अनानास। 
        • काला अंगूर आदि। 

        गर्भावस्था के दौरान खाए गए फलों के क्या फ़ायदे है ? 

        • यह कब्ज की समस्या को दूर करते है।  
        • फल महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का स्रोत माने जाते है, इसलिए इनका सेवन बहुमूल्य है।   
        • मीठा खाने की लालसा को कम करना।   
        • शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिलती है।  
        • ब्लड शुगर को प्रबंधित करने में मदद मिलती है। 
        • किसी भी संभावित जोखिम के बिना मतली को राहत देने में मदद मिलती है। 

        ध्यान रखें :

        जिन फलों को खाने पर रोक लगाई गई उसका सेवन नहीं करना चाहिए, नहीं तो बच्चे के जान को भी खतरा हो सकता है। 

        सुझाव :

        गर्भावस्था के दौरान किन फलों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए इसके बारे में हम उपरोक्त बता चुके है, इसलिए इसमें किसी भी तरह की लापरवाही को आपके द्वारा नहीं बरतनी चाहिए। 

        वहीं अगर आप आईवीएफ के जरिये गर्भवती हुई है तो इस दौरान किसी भी तरह की समस्या आपमें नज़र आए तो ऐसे में आपको जेम हॉस्पिटल एन्ड आईवीएफ सेंटर का चयन करना चाहिए।

        सारांश :

        गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपना खास ध्यान रखना चाहिए, क्युकी ये स्टेज काफी नाजुक होती है, इसलिए इसमें उठाया गया हर कदम आपकी अच्छी सोच और समझ के साथ होना चाहिए। 

        वहीं इस दौरान महिलाओं को किन बातो का ध्यान रखना चाहिए और किन चीजों को खाना चाहिए इसके बारे में उपरोक्त्त बता ही चुके है खास कर फल।

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