बच्चेदानी में क्या है रसोली के लक्षण ? इस समस्या में आप कैसे माँ बन सकती है ?
रिप्रोडक्टिव उम्र में महिलाओं के गर्भशय में रसोली हो जाती है और इस समस्या में महिला को यह आंशका रहती है की वह माँ बन सकती है या नहीं | यदि आप इस समस्या से झूझ रहे है तो आपको IVF Centre in Punjab में जाकर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए | गर्भशय में रसोली को यूट्राइन फाइब्रॉएड के नाम से जाना जाता है | यदि डॉक्टर आपको IVF करवाने की सलाह देते है तो आपको Test tube baby cost की पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए | भारत में इस ट्रीटमेंट की लगत लगभग 50,000 से शुरू होती है |
यह समस्या 20 से 80 फीसदी महिला को होती है जो की 50 उम्र की हो | इसके इलावा 30% महिलाओं को यह समस्या 25 से 40 वर्ष में हो सकती है | आप सही समय पर डॉक्टर से परामर्श करके अपनी स्थिति में सुधार लेके आ सकते है, जिससे की आपके प्रेगनेंसी के चान्सेस भी बढ़ जाते है |
बच्चेदानी में रसौली के लक्षण
यह संभव है की गर्बाशय में गांठ हो पर आपको कोई बच्चेदानी में रसौली के लक्षण
यह संभव है की गर्बाशय में गांठ हो पर आपको कोई लक्षण न दिखाई दे | यह भी समभाव है की रसोली के दौरान माहवारी के में आपको बहुत अधिक खून निकले या पीरियड्स में बहुत ही तेज़ दर्द होती है | इसके साथ ही स्पॉटिंग की समस्या भी हो सकती है | जब महिला को ज़्यादा ब्लीडिंग हो तो संभव है की उनको एनीमिया समस्या हो और उसके साथ ही:
- सेक्स के दौरान दर्द
- कमर की निचे दर्द महसूस होना
- इनफर्टिलिटी
- कब्ज
- इनफर्टिलिटी
- मिसकैरेज
- प्रीटर्म लेबर
गर्भाशय में रसौली के बाद प्रेगनेंसी
रसोली की वजह से महिला को रसोली में दर्द हो सकती है | इसके साथ ही रसोली लागबहग 5 सेंटीमीटर बढ़ जाती है दूसरी एंड तीसरी तिमाही में | जिसकी वजह से गर्भशय में बच्चे के लिए उतनी जगह नहीं रह पति जितनी की होनी चाहिए |
यह भी समभाव है भी बच्चे को ऑक्सीजन और ज़रूरी आहार नहीं मिल पता है |
इस समस्या में गर्भाशय मे संकुचन की समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है |
इसके साथ ही सिजेरियन डिलीवरी का खतरा 6 गुना बढ़ जाता है |
क्या रसौली के साथ मां बन सकते हैं?
यह देखा गया है की इस समस्या में भी महिलाएँ प्रेग्नेंट हो सकती है | आपको डॉक्टर से पूछ कर अपनी ट्रीटमेंट करवा लेनी चाहिए और यह भी समझ लें की कॉम्प्लीकेशन्स को कैसे दूर किया जा सकता है | प्रेगनेंसी में बच्चेदानी में रसोली के इलाज के लिए ट्रीटमेंट बहुत ही सीमित है पर हाँ डॉक्टर लक्षण को नियंत्रण में रखने के लिए आपको कुछ चीज़ें बता सकते है जैसे की :
- आराम करना
- पानी पीना
- हल्की दर्द निवारक दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है।
आगे की जानकारी के लिए आप डॉक्टर से परामर्श करें और अपनी स्थिति के अनुसार करवाने की शुरुवात करें | यदि आपको किसी बात पर असमंझस है तो डॉक्टर से बेजिझक बात कर लें |