रसौली (फाइब्राॅइड)
रसौली (फाइब्राॅइड), यह गर्भशय में बनने वाले टूमओर होते है | इसके होने का खतरा 10000 में से किसी एक को होता है | इस स्थिति से जो महिला पीड़ित हो सकती है उनकी आयु 25 से 40 के बीच में हो सकती है | इसके साथ ही अगर एस्ट्रोजन के मात्रा शरीर में अधिक हो तो उससे भी खतरा बढ़ जाता है | फाइब्राॅइड को आपके डॉक्टर बच्चेदानी में गांठ या फिर गर्भशय में रसोली भी कह सकते हैं |
इस स्थिति में यह संभव है की आपको माँ बनने में परेशानी आए और यदि ऐसा है तो आपको समय रहते ही बेस्ट IVF Centre in Punjab में जाकर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए | इस स्थिति में डॉक्टर आपको IVF करवाने के सलाह दे सकते है | यह जान ले की Test tube baby cost भारत में लगभग Rs 50,000 से शुरू होती है |
रसौली (फाइब्राॅइड) किन कारणों से होता है
गर्भाशय में फाइब्राॅइड (fibroids) होने की समस्या का कारन पता लगाना कई बार मुस्खिल हो सकता है | यह संभव है की यदि आपके परिवार में किसी को पहले यह बीमारी थी तो आपको भी उसके होने का खतरा बढ़ जाता है | इसके साथ ही हॉर्मोन में बदलाव आने पर भी यह समस्या हो सकती है | के महिलाएँ जिनका वज़न बहुत अधिक है उनको भी इसके होने का खतरा हो सकता है | परन्तु इस बीमारी से डरने की ज़रुरत नहीं क्यूंकि 99% केसेस बिना कैंसर के होते है और डॉक्टर से सही समय पर उपचार करवाके आप इस बीमारी से निजाज़ पा सकते हैं |
रसौली (फाइब्राॅइड) के क्या लक्षण होते है
इस समस्या में कुछ ऐसे लक्षण देखे जा सकते है, जैसे की:
- माहवारी के समय या बीच में ज्यादा रक्तस्राव, जो की एक दम से शुरू हुआ है
- पेट में नाभि के निचे दर्द या पीठ के निचे वाले न=हिस्से में दर्द महसूस होना
- यौन सम्भन्ध के समय बहुत ही अधिक दर्द महसूस होना
- पेशाब करने के लिए बार–बार जाना
- मासिक धर्म (menstrual cycle) नार्मल से ज़्यादा दिनों के लिए होना
- मासिक धर्म चक्र में बहुत ही ज़्यादा दर्द महसूस होना
- प्राइवेट पार्ट से खून आना
- कमजोरी महसूस होना
- पेट में सूजन
- एनीमिया
- कब्ज
- पैरों में दर्द
यदि फाइब्रॉइड का आकर बड़ा हुआ है तो डॉक्टर आपको दवाएं या Hysteroscopy/Laparoscopy करवाने की सलाह दे सकते है |
रसौली (फाइब्राॅइड) का उपचार कैसे किया जाता है ?
रसौली (फाइब्राॅइड) का उपचार आपके लक्षण पर निर्भर करता है | यदि आपको कोइए लक्षण महसूस नहीं हो रहे है तो इलाज की ज़रुरत नहीं है | पर सही सुझाव देने के लिए डॉक्टर आपका नियमित रूप से जांच करेंगे | यह समझना ज़रूरी है की मीनोपॉज के पास फाइब्रॉइड सिकुड़ने लग जाता है | यह संभव है की आपकी स्थिति में दवाएं लेने से ही फरक पड़ना शुरू हो जाए | दवाएं कुछ इस प्रकार की होती है :
- दर्द निवारक दवाएं
- गर्भनिरोधक गोलियां
- प्रोजेस्टिन–रिलीजिंग इंट्रायूटरिन डिवाइस (IUD)
- गोनाडोट्रोपिन–रिलीजिंग हार्मोन एगोनिस्ट (GnHRa)
- एंटीहार्मोनल एजेंट या हार्मोन मॉड्यूलेटर
पर यह समझना ज़रूरी है की आप जैसे ही दवाएं लेना बंद कर देंगे तो हो सकता है की फाइब्राॅइड फिर से हो जाए और इनको लेते समय आपको कुछ साइड–इफेक्ट्स भी हो सकते है | इस लिए आप डॉक्टर से कंसल्ट करके से अपने उपचार को आगे बढ़ाएं | कुछ केसेस में सर्जरी ही लाभदायक सभीत होती है पर इसमें आपके गर्भवती होने के चान्सेस कम हो सकते है | इस लिए आप डॉक्टर से परामर्श करके सही जानकारी प्रपात करें |